बुधवार, 16 मई 2012

जो इश्क खुदा से मैने किया hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी },







मैने   भी महफ़िल   थी मांगी , माँगा  इक  बाग़  महकता सा !
इक  ख्वाब  मिला आवारा सा ,दिल  पाया एक  भटकता  सा !


वो  खूं   से लथपथ  शै  जिसको, बेकार   समझ छोड़ा  तुमने ,
सीने  से लगा  कर रक्खा  था ,वो  दिल था  एक  धड़कता सा !


वो   मालिक  है    सब  देखता  है , करतूत  हमारी  बुद्धि  की ,
हम अक्सर छिपा जो जाते हैं,सिर भीतर कुछ-कुछ पकता सा !


अल्लाह   ने  किया  कुबूल  मगर ,बन्दों  ने पागल  कह मारा ,
जो  इश्क खुदा से मैने किया,दिल खोल के यार  फड़कता सा !


तुम  ढूढो  पूरी  शिद्दत   से , वो   तुमको  भी   मिल  जाएगा ,
जो   इंसा   भीतर  बच्चा  है , ओं   पंक्षी  एक   चहकता  सा ! 

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