मिला तो कुछ नहीं सब छोड़ के ,सबको पड़ा जाना !
ना काटो उम्र पूरी उम्र भर ,इक दार्शनिक बन कर,
कोई रोये तो रोओं तुम ,कोई हँस दे तो हँस जाना !
मैं जब भी दुःख में होता हूँ ,मैं लोगों को हँसाता हूँ,
कोई कहता है पागल तो , कोई कहता है दीवाना !
समूची उम्र साँसे ले के , दुःख में बिलबिलाते हैं ,
मिले जब सुख भरी दरिया,उसे कहते क्यूँ मर जाना ?
किसी कि बे-वफाई ने ,दफ़न कर दी मेरी खुशियाँ ,
मेरा घर कब्रगाह है , मेरे घर में नहीं आना !
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