मुद्दों की बात हो तो , भावना में ना बहो !
आपस की हो गर बात तो,हर बात तुम सहो !
हमने हमारी बात जो , कहनी थी सो कही ,
अब दिल को करो साफ़,जो कहना है तुम कहो !
इक दूसरे की गलतियों के , पीछे दौड़ते ,
गिर जाएँ इक दूजे पे ही , ऐसा कहीं न हो !
धीमे से मेरे कान में आ, गम ने ये कहा ,
मैने तुम्हे शायर बनाया ,अब तो खुश रहो !
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें