आते ही धर्म थामा , यूं कमजोर आयें हम!
फिर जातियों को नाम तक में,जोड़ आयें हम!
गानों में भी हिन्दू भजन, मुस्लिम कव्वालियां ,
सुर तक में भी जाति, ओं धर्म ओढ़ आयें हम!
बगिया के फूल थे जीवित,पत्थर तो थे निर्जीव,
उन पत्थरों के खातिर , फूल तोड़ आयें हम!
ईश्वर बड़ा दयालु तो , हथियार हाथ क्यूँ ?
हर देवता संग शस्त्र तो,किस ओर आयें हम?
बाबू जी रहें उम्र भर , खिलाफ पंडो के ,
पर श्राद्ध में पंडो से , रिश्ता जोड़ आयें हम!
बेहद अजीज दोस्त था पर,था वो मुसलमान,
बस बात इतनी सी थी,दोस्त छोड़ आयें हम!
फिर जातियों को नाम तक में,जोड़ आयें हम!
गानों में भी हिन्दू भजन, मुस्लिम कव्वालियां ,
सुर तक में भी जाति, ओं धर्म ओढ़ आयें हम!
बगिया के फूल थे जीवित,पत्थर तो थे निर्जीव,
उन पत्थरों के खातिर , फूल तोड़ आयें हम!
ईश्वर बड़ा दयालु तो , हथियार हाथ क्यूँ ?
हर देवता संग शस्त्र तो,किस ओर आयें हम?
बाबू जी रहें उम्र भर , खिलाफ पंडो के ,
पर श्राद्ध में पंडो से , रिश्ता जोड़ आयें हम!
बेहद अजीज दोस्त था पर,था वो मुसलमान,
बस बात इतनी सी थी,दोस्त छोड़ आयें हम!
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