सियासत अब यहाँ हिंसा को ही ,जुबान देती है !
मुझे हिंदू , तुझे मुस्लिम, यही पहचान देती है !
सियासत ने हमारी शक्ल को ,इक वोट में बदला ,
चुनाव में तो हर ज़मीर तक को , छान देती है !
सियासत होती है कि क्या पढ़े,क्या ना पढ़े बच्चे ,
सियासत ही यहाँ स्कूल में , दूकान देती है !
कमाने क्यूँ निकल जाते हैं बच्चे , ये नहीं मुद्दा ,
सियासत बाल -मजदूरी पे बस, फरमान देती है !
हमारी किस तरह से काटनी है , जेब व गर्दन,
सियासत इक तवायफ की तरह,सब जान लेती है !
कवि जब खोलता है पोल, नेता की , सियासत की ,
सियासत इक सियासत की तहत, सम्मान देती है !
कि जैसे काटते कुत्ते को , हड्डी हम खिलाते हैं ,
सियासत एक पदवी , इक दुशाला , दान देती है !
मुझे हिंदू , तुझे मुस्लिम, यही पहचान देती है !
सियासत ने हमारी शक्ल को ,इक वोट में बदला ,
चुनाव में तो हर ज़मीर तक को , छान देती है !
सियासत होती है कि क्या पढ़े,क्या ना पढ़े बच्चे ,
सियासत ही यहाँ स्कूल में , दूकान देती है !
कमाने क्यूँ निकल जाते हैं बच्चे , ये नहीं मुद्दा ,
सियासत बाल -मजदूरी पे बस, फरमान देती है !
हमारी किस तरह से काटनी है , जेब व गर्दन,
सियासत इक तवायफ की तरह,सब जान लेती है !
कवि जब खोलता है पोल, नेता की , सियासत की ,
सियासत इक सियासत की तहत, सम्मान देती है !
कि जैसे काटते कुत्ते को , हड्डी हम खिलाते हैं ,
सियासत एक पदवी , इक दुशाला , दान देती है !
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