बुधवार, 22 जनवरी 2014

tanu thadani ये गजब हुआ तनु थदानी

वो घर था जिसमें मेरा , वो मकान पी गई! 
इज्जत भरे बाजार,  छान - छान पी गई! 
   

पीते पिलाते थे जिसे, सम्मान समझ कर,
बोतल वो मेरी मेरा ही, सम्मान पी गई! 


छोटी खुशी समझ के जिसे, घर में लाया था ,
बेटी की खुशी बीबी की वो , जान पी गई! 

टोपी बड़ी थी सर पे मगर, ये गजब हुआ, 
छोटी सी बोतल पूरी , आन -बान पी गई! 

ठेका था लोग  पीते थे, इक दिन पता चला ,
पूरा मुहल्ला मुई  वो, दुकान पी गई  !

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