तेरी मुस्कान जो मेरे लिये है , गीत इक छेड़े !
मधुर संगीत में ढल ,मैं रहूँगा ,जिस्म में तेरे !
तुम्हे गर मैं हटा दूंगा ,जो मेरी जिंदगी से तो ,
बचेगा क्या हमारे पास , सिवाय जिस्म के मेरे !
जो तुमसे प्यार हूँ करता,तेरी कमजोरियों के संग ,
तभी मंजूर हूँ करता सभी , दुःख - दर्द भी तेरे !
सभी कुछ लूट जायेगा,ये वक्त ,तुमसे सब तेरा,
कभी ना लूट पायेगा , वो मेरे , प्यार के घेरे !
मधुर संगीत में ढल ,मैं रहूँगा ,जिस्म में तेरे !
तुम्हे गर मैं हटा दूंगा ,जो मेरी जिंदगी से तो ,
बचेगा क्या हमारे पास , सिवाय जिस्म के मेरे !
जो तुमसे प्यार हूँ करता,तेरी कमजोरियों के संग ,
तभी मंजूर हूँ करता सभी , दुःख - दर्द भी तेरे !
सभी कुछ लूट जायेगा,ये वक्त ,तुमसे सब तेरा,
कभी ना लूट पायेगा , वो मेरे , प्यार के घेरे !
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