तुम करते रहना प्रेम , प्रेम में ईश्वर है बसता !
तुम्हारे प्रेम-आचरण से ,सुगम होगा जीवन -रस्ता !
कहीं भी हो शरीर लेकिन,दिलों से जुड़ कर तो देखो ,
मिलेगा ईश्वर जब तुमको , लगेगा ये सौदा सस्ता !
अगर न समझ रहे हो प्रेम,तो माँ की आंखें देखो तुम,
किसी के लाड में डूबो तो ,मिलेगा अपनापन हँसता !
अगर प्रेमी हो तुम सच्चे,कहो खुल कर तुम प्रेमी हो ,
कि जो तल्लीन है ईश्वर में,वही तो प्रेम में है फंसता ! heyeshwar.blogspot.com
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