बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

tanu thadani तनु थदानी क्यूँ सूख गया यूं अचानक

साबित  किया  इक  सा  हमें , इस  लाल  रक्त ने!
हम  हैं अलग  फिर क्यूँ  कहा ,ईश्वर  के भक्त  ने?

अब्बा   की  मार   खा  रोया  ,  मासूम   वो बच्चा,
अल्लाह  की  फोटो  क्यूँ  बनाई ,उस  कमबख्त  ने !

उसने   भी  मार   खायी  थी ,  लक्ष्मी   बना  अंधी ,
तड़पाया   रोटी  के  लिये , जब   दोनों   वक्त  ने  !

मुल्ले   हो  या   पंडे   सभी , इक  थैली  के   चट्टे ,
चुगली  की उनकी ,उन्ही  के ,आसन  व  तख्त  ने !

क्यूँ   सूख  गया  यूं  अचानक  ,मैं  तेरे  भीतर  ?
हो   कर दुखी  मुझसे  कहा ,  दिल  के  दरख्त  ने !



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