साबित किया इक सा हमें , इस लाल रक्त ने!
हम हैं अलग फिर क्यूँ कहा ,ईश्वर के भक्त ने?
अब्बा की मार खा रोया , मासूम वो बच्चा,
अल्लाह की फोटो क्यूँ बनाई ,उस कमबख्त ने !
उसने भी मार खायी थी , लक्ष्मी बना अंधी ,
तड़पाया रोटी के लिये , जब दोनों वक्त ने !
मुल्ले हो या पंडे सभी , इक थैली के चट्टे ,
चुगली की उनकी ,उन्ही के ,आसन व तख्त ने !
क्यूँ सूख गया यूं अचानक ,मैं तेरे भीतर ?
हो कर दुखी मुझसे कहा , दिल के दरख्त ने !
हम हैं अलग फिर क्यूँ कहा ,ईश्वर के भक्त ने?
अब्बा की मार खा रोया , मासूम वो बच्चा,
अल्लाह की फोटो क्यूँ बनाई ,उस कमबख्त ने !
उसने भी मार खायी थी , लक्ष्मी बना अंधी ,
तड़पाया रोटी के लिये , जब दोनों वक्त ने !
मुल्ले हो या पंडे सभी , इक थैली के चट्टे ,
चुगली की उनकी ,उन्ही के ,आसन व तख्त ने !
क्यूँ सूख गया यूं अचानक ,मैं तेरे भीतर ?
हो कर दुखी मुझसे कहा , दिल के दरख्त ने !
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