तू रब है मैं तेरा आशिक
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हाँ ! तुम को पा ही लेता मैं ,जो तुम में ,खो अगर जाता !
तुम्हे पाने का सपना टूटता , जो सो अगर जाता !
तेरी मदमस्त प्रकृति भी तब, खुशहाल हो पाती ,
हमारे दिल में संतुष्टि का पौधा, बो अगर पाता !
मुझे भी खुश कोई करता , कभी मैं भी ख़ुशी पाता ,
किसी के वास्ते थोड़ी ख़ुशी मैं , जो अगर लाता !
मेरे दुःख में अकेला मैं था , कोई साथ तो रोता ,
किसी के वास्ते मैं भी कभी जो ,रो अगर पाता !
तू रब है , मैं तेरा आशिक , तू ऐसा चित्रकार है ,
तेरी दुनियाँ सा मैं भी खूबसूरत , हो अगर पाता !
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हाँ ! तुम को पा ही लेता मैं ,जो तुम में ,खो अगर जाता !
तुम्हे पाने का सपना टूटता , जो सो अगर जाता !
तेरी मदमस्त प्रकृति भी तब, खुशहाल हो पाती ,
हमारे दिल में संतुष्टि का पौधा, बो अगर पाता !
मुझे भी खुश कोई करता , कभी मैं भी ख़ुशी पाता ,
किसी के वास्ते थोड़ी ख़ुशी मैं , जो अगर लाता !
मेरे दुःख में अकेला मैं था , कोई साथ तो रोता ,
किसी के वास्ते मैं भी कभी जो ,रो अगर पाता !
तू रब है , मैं तेरा आशिक , तू ऐसा चित्रकार है ,
तेरी दुनियाँ सा मैं भी खूबसूरत , हो अगर पाता !
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