खाना सब कुत्ते खा गयें , आओ हम चुप रहें !
कुत्ते ही कुर्सी पा गयें , आओ हम चुप रहें !
उसको कहा कुत्ता तो , कुत्ते की बे-इज्ज़त्ती ,
हम कर चुके , वो आ गयें , आओ हम चुप रहें !
संसद हुई गरम तो , संसद में बैठे शख्स ,
घोटालों में नहा गयें , आओ हम चुप रहें !
हमने जिन्हें चुना , हिफाजत के लिये वो ,
हम ही पे ज़ुल्म ढा गयें , आओ हम चुप रहें !
जिस राग से दुनियां में हम , बदनाम हो रहें ,
वो फाड़ गला गा गयें ,आओ हम चुप रहें !
बे- शर्म हुकूमत में , हम हीं हैं शर्मसार ,
हो नग्न वो मुंह बा गयें , आओ हम चुप रहें !
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