जरूरी ये था कि , रिश्ते को बचा जाते भाई !
महज करना था ये कि, बहस हार जाते भाई!
बात मनवाने को क्या चींखना जरूरी था ?
बड़ा भाई ही तो था, बस रूठ ही जाते भाई !
ये तो अच्छा हुआ कि, खुद की नजर में गिरे थे,
तसल्ली से जरा सोंचो कि,क्या बताते भाई !
जुबां पे आग या मिश्री रखो, निर्णय तुम्हारा,
अब तो बालिग हो तुम्हे, क्या ही समझाते भाई?
बहुत उलझा हुआ है लाभ व हानि का गणित,
दिल के स्कूल से आते, तो बताते भाई !