जब जब सड़कें उग आतीं हैं वो मेरे गाँव को खाती हैं !
बापू पापा बन जाते हैं ,अम्मा मम्मी बन जाती है !
पसरा पसरा इक इंतजार सा, जीवन हर घर मिलता है ,
घर की रौनक घर भरने को , जब दूर शहर को जाती है !
किस शहर ने दस्तक गाँव को दी,इसकी चर्चा बेमानी है
सब लूट के जाते जाते वो , कह गया कि हम देहाती हैं !
तुम खाक मनाते हो खुशियाँ,हम रोज यूं खुशी मनाते हैं ,
जब गाँव में मेरे दिन भर में,दो पल को बिजली आती है!
लखनऊ चमकता रहे सदा ,हर गाँव ने यही दुआ की है ,
पर समझ न आता नेताओं को,गाँव से घिन क्यूँ आती है ??
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