शुक्रवार, 12 जुलाई 2013

समझ में आया हमको देर से hey eshwar-3 (tanu thadani) हे ईश्वर -3 { तनु थदानी }samjh me aaya hamko der se

हमें  अफ़सोस  है  कि क्यूँ  भला , हमने ये  कर डाला !
जिसे  था  सींचा  उम्र  भर ,वो  पौधा  था  ज़हर वाला  ! 

हमारे  ऐश  के  तो   सब  तरीके  ,   हो  गयें  बे- शर्म  ,
ख़बर  है खून  से  अपने  ही उसने , मुंह किया  काला !

हमारी  इस  सदी  ने  जिस्म  की , आयु  बढ़ा  तो  दी  ,
मगर  जो  आत्मा  इसमें  थी ,उसको  मार  ही  डाला  !

उसे  तो  बस  हड्पनी  थी  जमीं , मंदिर  के  नाम   पे  ,
उसे  क्यूँ  दीखता  कि  ठीक  उसके , नीचे  है   नाला  !

उसे   रोज़ी  कमानी  थी ,  तभी   मंदिर  बनाया   है ,
करिश्मा  देखिये की  उसने इक , भगवान  भी  पाला !

हमें  नंगे  दिलों  से  दौड़  कर , जिनसे  लिपटना था ,
झिझक  के  लौट  आये ,मन्दिरों  में  देख  के  ताला !

समझ  में आया  हमको  देर  से , कि  पास  है  मेरे ,
रहा  मैं  ढूंढ़ता  जिसको , लिये  दीपक लिये  माला !






   

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