सभी हम खूं के रंग से एक हैं , आभास होता है !
मगर क्यूँ इक बना मालिक क्यों , एक दास होता है !
कभी उछला के ऊपर देख शिशु , खिलखिलायेगा ,
तुम्हारे बच्चे को तो तुम पे यूँ , विश्वास होता है !
ज़माने के उछालों से कभी , परेशान ना होना ,
तुम्हारा ईश भी हरदम , तुम्हारे पास होता है !
हमारे ओर चारो रास्ते हैं , स्वर्ग के यारों ,
मगर हम हैं की चौराहे पे , अपना वास होता है !
जो मीठी बात कह तुमको सुलाए , ख़ास हो ना हो ,
जो कडवी बात कह तुमको जगाये , ख़ास होता है !
हम ही बदमाशियां करते पहन ,कुरते शराफत के ,
कहे फिरते सभी से वक्त ये , बदमाश होता है !
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