इतनी उलझी है क्यूँ बे वजह, बताऊंगा !
जिंदगी मिल तो सही, मैं तुझे सुलझाऊंगा !
आंखों में तु,आंसू सी,झिलमिलाती है!
तुम्हारे बारे में, न झूठ बोल पाऊंगा !
शिकायतें जेब में रख, दर्द का आनंद लो,
तुम्हारे दर्द में, पूरा ही मैं समाऊंगा !
कभी लगे जो तुमसे, दूर हो गया हूं मैं,
तुम बस मुस्कुरा देना, मैं लौट आऊंगा !
शकल नाराजगी में , तेरी बिगड़ जाती है,
सब्जी तीखी बना देना, मैं समझ जाऊंगा !
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