गुरुवार, 16 जनवरी 2025

तुम बस मुस्कुरा देना

इतनी उलझी है क्यूँ बे वजह, बताऊंगा !
जिंदगी मिल तो सही, मैं तुझे सुलझाऊंगा !


आंखों में तु,आंसू सी,झिलमिलाती है!
तुम्हारे बारे में, न झूठ बोल पाऊंगा !


शिकायतें जेब में रख, दर्द का आनंद लो,
 तुम्हारे दर्द में, पूरा ही मैं समाऊंगा !


कभी लगे जो तुमसे, दूर हो गया हूं मैं,
तुम बस मुस्कुरा देना, मैं लौट आऊंगा !

शकल नाराजगी में , तेरी बिगड़ जाती है,
सब्जी तीखी बना देना, मैं समझ जाऊंगा !







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