गरं बिक गयें इक बार
जो हो न सका मुल्क का , वो भार ही होगा !
धरती का बोझ, धर्म का , विकार ही होगा !
हिन्दुत्व ओं इस्लाम तो , नफरत के जखीरे ,
भारत से जो हो प्यार तो,वो प्यार ही होगा !
तुम लड़ रहे भगवान के ,मकान के लिये ,
यूं ही नहीं ,ये भी तो इक,व्यापार ही होगा !
अल्लाह हमारी नस्ल का,ईश्वर तुम्हारी नस्ल,
जो बोलता ये , अक्ल से , बीमार ही होगा !
काबा में मिले राम , बुतखाने में अल्लाह,
बचपन से गरं पढ़े तो , खुदा द्वार ही होगा !
जब बैठ भाई संग , खाओगे खुशी से ,
तुम देखना माँ की नज़र में,लाड़ ही होगा !
मज़हब की दूकानो मे रखी , चीज नहीं हम,
गरं बिक गयें इक बार तो , हर बार ही होगा !
------ तनु थदानी
जो हो न सका मुल्क का , वो भार ही होगा !
धरती का बोझ, धर्म का , विकार ही होगा !
हिन्दुत्व ओं इस्लाम तो , नफरत के जखीरे ,
भारत से जो हो प्यार तो,वो प्यार ही होगा !
तुम लड़ रहे भगवान के ,मकान के लिये ,
यूं ही नहीं ,ये भी तो इक,व्यापार ही होगा !
अल्लाह हमारी नस्ल का,ईश्वर तुम्हारी नस्ल,
जो बोलता ये , अक्ल से , बीमार ही होगा !
काबा में मिले राम , बुतखाने में अल्लाह,
बचपन से गरं पढ़े तो , खुदा द्वार ही होगा !
जब बैठ भाई संग , खाओगे खुशी से ,
तुम देखना माँ की नज़र में,लाड़ ही होगा !
मज़हब की दूकानो मे रखी , चीज नहीं हम,
गरं बिक गयें इक बार तो , हर बार ही होगा !
------ तनु थदानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें