थोड़ी शोहरत के लिये , शख्स जो , चेहरा बदलता है !
उमर भर उसका ही साया , अजनबी बन के चलता है !
जो हमने हाशिए रच कर , जगह दी प्यार को उसमें ,
सभी मज़नून में हो कर भी , न होने सा खलता है !
यहाँ इज्जत की हैं कब्रें , हवस की लूट है होती ,
शहर मेरा सुबह से शाम तक ,यूं ही सुलगता है !
तुम्हारे लफ्जों में अक्सर सुना , सत्ता ज़हर होती ,
बताओ फिर तुम्हारा दिल क्यूँ,सत्ता को मचलता है ?
शहीदों में भी हिंदू ओं मुसलमां , गिन रहें नेता ,
धरम की आग पर बे शर्म नेता , देश तलता है !
हमारे धर्म गुरुओं ने , सियासत, सीख ली आखिर,
तभी आव्हान ओं फतवे से मेरा , दिल दहलता है !
उमर भर उसका ही साया , अजनबी बन के चलता है !
जो हमने हाशिए रच कर , जगह दी प्यार को उसमें ,
सभी मज़नून में हो कर भी , न होने सा खलता है !
यहाँ इज्जत की हैं कब्रें , हवस की लूट है होती ,
शहर मेरा सुबह से शाम तक ,यूं ही सुलगता है !
तुम्हारे लफ्जों में अक्सर सुना , सत्ता ज़हर होती ,
बताओ फिर तुम्हारा दिल क्यूँ,सत्ता को मचलता है ?
शहीदों में भी हिंदू ओं मुसलमां , गिन रहें नेता ,
धरम की आग पर बे शर्म नेता , देश तलता है !
हमारे धर्म गुरुओं ने , सियासत, सीख ली आखिर,
तभी आव्हान ओं फतवे से मेरा , दिल दहलता है !
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