बुधवार, 22 जनवरी 2025

अपने बच्चों के सपनों को , बूढ़े न हो जाने दो

सास की बातों के मतलब भी ,एक से अधिक बताने दो!
बहु को अपने पढ़े लिखे का, होना भी दर्शाने दो !

सबकी सांसे अलग अलग हैं, इक दूजे से जुड़ कर भी,
परिवार के इस जादू को, बच्चों को अपनाने दो !
 
खाना खा जो यौवन पाया, यौवन बेच के खाना खाया,
जिस्म पेट की भूख से ऊपर, अपना जीवन आने दो !

खुश रहने का मतलब,ये नहीं होता,सब कुछ ठीक ही है, 
जनम तुम्हारा हुआ ये क्यूँ, ये जानों, बाकी जाने दो! 

लिख के पढ़ के,नौकर बन के,किस्तों में घर कार लिया, 
अपने बच्चों के सपनों को ,  बूढ़े न हो जाने दो !

सिल सिल के, बातों के सिलसिले, मकड़े सा बन जायेगा,
मन को मौन में डुबा के ऊपर, हल्के हो कर आने दो!

गुरुवार, 16 जनवरी 2025

तुम बस मुस्कुरा देना

इतनी उलझी है क्यूँ बे वजह, बताऊंगा !
जिंदगी मिल तो सही, मैं तुझे सुलझाऊंगा !


आंखों में तु,आंसू सी,झिलमिलाती है!
तुम्हारे बारे में, न झूठ बोल पाऊंगा !


शिकायतें जेब में रख, दर्द का आनंद लो,
 तुम्हारे दर्द में, पूरा ही मैं समाऊंगा !


कभी लगे जो तुमसे, दूर हो गया हूं मैं,
तुम बस मुस्कुरा देना, मैं लौट आऊंगा !

शकल नाराजगी में , तेरी बिगड़ जाती है,
सब्जी तीखी बना देना, मैं समझ जाऊंगा !